Sunday 10 January 2016

तुमसे मिलकर ऐसा लगा

तुमसे मिलकर ऐसा लगा ,
जैसे तपती दोपहर में बौछार मिल गयी हो,
मरुभूमि में जैसे छाँव मिल गयी हो ,
पिंजरे में कैद पंछी को ,
पूरा आसमां मिल गया हो 
अनाथ हो चुके सपनों को 
माँ का साथ मिल गया हो,
जीवन की जटिलता को 
सरलता का एहसास मिल गया हो,
एक पापी को उसके गुनाहो ने 
माफ़ कर दिया हो ,
ऐसा लगा ,
जैसे जीवन का सार मिल गया हो 
एक गरीब को पूरा संसार मिल गया हो।

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